A Secret Weapon For shiv chalisa lyricsl
A Secret Weapon For shiv chalisa lyricsl
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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
Lord, if the ocean was churned plus the deadly poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the planet from destruction. Your throat grew to become blue, Therefore You happen to be known as Nilakantha.
O Lord, Purari, you saved all Deities and mankind by defeating and destroying the demons Tripurasur. You blessed your devotee Bhagirath and he was able to accomplish his Vow soon after demanding penance.
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके more info कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
अर्थ: हे अनंत एवं more info नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। Shiv chaisa ध्यान पूर्वक होम करावे॥